इस पोस्ट के माध्यम से हम Physics Most Important Question Polytechnic Semester-l अध्याय 7 ग्रहों एवं उपग्रहो कि गति के बारे में जानकारी हासिल करेंगे यह अध्याय परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस अध्याय से आपको परीक्षा में दो से तीन प्रश्न Up Polytechnic Semester-l की परीक्षा में अवश्य देखने को मिलेंगे जो कि बहुविकल्पीय ,लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हो सकते हैं।
ग्रहों एवं उपग्रहो कि गति चैप्टर के महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न –
- चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना होता है
उत्तर – चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी पर इसके मान से कम होता है।
- कैपलर का द्वितीय नियम किस संरक्षण पर आधारित है ?
उत्तर – कैपलर का द्वितीय नियम कोणीय संवेग पर आधारित है
- यदि पृथ्वी और सूर्य के मध्य की दूरी वर्तमान दूरी की आधी होती तो 1 वर्ष में दिनों की संख्या कितनी होगी ?
उत्तर- 129 दिन
- किसी पिंड का पलायन वेग उसके?
उत्तर- किसी पिंड का पलायन वेग द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
- एक पिंड बाहर से गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश करता है पृथ्वी पिंड निकाय की स्थितिज ऊर्जा क्या होगी
उत्तर- घटेगी
- यदि पृथ्वी की त्रिज्या 1% सिकुड़ जाए परंतु इसका द्रव्यमान वही रहे तो पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण क्या होगा
उत्तर- बढ़ जाएगा
- यदि पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण g है तो m द्रव्यमान की एक वस्तु को पृथ्वी तल से पृथ्वी की त्रिज्या r के बराबर ऊंचाई तक उठाने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होगी?
उत्तर- 1/2 mgRe
- ग्रहों की गति से संबंधित केप्लर का तृतीय नियम है
उत्तर- T अनुक्रमानुपाती r3
- किसी बिंदु पर पृथ्वी के कारण उत्पन्न गुरुत्वीय विभव तथा गुरुत्वीय क्षेत्र दोनो शून्य है। यह बिंदु होगा-
उत्तर- अनंत पर
- संचार उपग्रह INSAT-IIB का पृथ्वी के परित: परिक्रमण काल है।
उत्तर- 24 घंटे
ग्रहों एवं उपग्रहो कि गति चैप्टर के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न –
- तुल्यकाली उपग्रह क्या है समझाइए और इसकी उपयोगिता क्या है।
उत्तर- जिस उपग्रह का पृथ्वी के परतीः परिक्रमण काल 24 घंटे होता है उसे तुल्यकाली उपग्रह कहा जाता है यह पृथ्वी के सापेक्ष सदैव स्थिर दिखाई देता है। इसको भूस्थिर उपग्रह भी कहा जाता है इसका उपयोग दूरसंचार में किया जाता है
- जब हम पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर जाते हैं तो गुरुत्वीय त्वरण का मान बदलता है आवश्यक सूत्र लिखिए।
उत्तर – जब हम पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर जाते हैं तो गुरुत्वीय त्वरण g का मान घटता है अतः g’ = g ( 1- 2h/R e)
- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं।
उत्तर- उपग्रह दो प्रकार के होते हैं प्राकृतिक उपग्रह एवं कृतिम उपग्रह
- पृथ्वी तल पर पलायन वेग का मान बताइए
उत्तर- पृथ्वी तल पर पलायन वेग का मान 11.3 किलोमीटर/सेकंड
- कृतिम उपग्रह एव प्राकृतिक उपग्रह को परिभाषित करें।
उत्तर- विज्ञान की उन्नत से प्रभावित हो मनुष्य ने कई उपग्रहों को बनाकर उसे पृथ्वी के चारों ओर विभिन्न कक्षाओं में स्थापित किया इन्हें कृतिम उपग्रह कहते हैं।
प्राकृतिक उपग्रह – वे आकाशीय पिंड जो ग्रहों के चारों ओर चक्कर लगाते हैं उसे प्राकृतिक उपग्रह कहते हैं जैसे चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह
ग्रहों एवं उपग्रहो कि गति चैप्टर के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –
- केप्लर के ग्रहों की गति संबंधी सभी नियम लिखिए।
उत्तर – केपलर का प्रथम नियम – प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर द्वितीय कक्षा में परिक्रमा करता है और सूर्य उसकी एक नाभि पर होता है इसे कक्षा कहते हैं।
कैपलर का द्वितीय नियम –
किसी भी ग्राहक को सूर्य से मिलाने वाली काल्पनिक रेखा समान समय अंतराल में सामान क्षेत्रफल तय करती है अर्थात किसी ग्रह का क्षेत्रीय चाल नियत होती है।
कैपलर का तृतीय नियम
किसी ग्रह के परिक्रमण काल का वर्ग उस उपग्रह का सूर्य से मध्य दूरी के घर के अनुक्रमानुपाती होती है।
T2 अनुक्रमानुपाती r3
T2 = kr3
प्रश्न 2. भू-स्थिर उपग्रह से आप क्या समझते हैं इसके क्या उपयोग हैं।
उत्तर- ऐसी उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लंबवत तल में पश्चिम से पूरब की ओर परिक्रमा करता है तथा जिसका परिक्रमण काल पृथ्वी की परिक्रमण काल के बराबर होता है भूस्थिर उपग्रह कहलाता है।
भूस्थिर उपग्रह की विशेषता
- यह उपग्रह पृथ्वी की अक्ष के लंबवत विषुवत रेखीय तल में परिक्रमण करता है।
2.यह पश्चिम से पूरब की ओर अपनी कक्षा में परिक्रमा करता है। - इस परिक्रमण काल पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूर्णन काल 24 घंटे के तुल्य होता है।
भूस्थिर उपग्रह की उपयोगिता –
- वायुमंडल की ऊपरी सतह के अध्ययन में
- मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए
- उल्का पिंडों के अध्ययन में
- ब्रह्मांड में आने वाली विकिरण के अध्ययन
- पृथ्वी की वास्तविक आकृति का पता लगाने में
प्रश्न- पलायन वेग की परिभाषा दीजिए और पृथ्वी की सतह के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए तथा पृथ्वी सतह पर इसका मान ज्ञात कीजिए?
उत्तर – पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे किसी पिंड को पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर फेंके जाने पर वह पृथ्वी के गुरुत्वीय वेग को पार कर देता है। और पृथ्वी पर कभी भी वापस नहीं लौटता
पलायन वेग का व्यंजक – माना पृथ्वी का द्रव्यमान m एवं त्रिज्या R आ रहे तब इसकी सतह पर स्थिति m द्रव्यमान के किसी पिंड का गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा
= – GMm/ R
जब पिंड को पृथ्वी सतह से फेंकते हैं तो पिंड के स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि =
∆ U = 0 – ( – GMm/R )
∆ U = G Mm/ R
यदि पिंड का पलायन वेग Ve तो इसकी गतिज ऊर्जा =
1/2mv2
स्थितिज ऊर्जा में प्रति आरंभिक गतिज ऊर्जा के बराबर होती है।
1/2mv2 = GMm/R
1/2 Ve2 = GMm/R
Ve2 = √2GM / R _(1)
गुरुत्वीय त्वरण g = GM/ R2
समीकरण (1) में मान रखने पर
V e = √2gRe
आप ने क्या सीखा –
इस पोस्ट के माध्यम से आप ने Physics Most Important Question Polytechnic Semester-l अध्याय 7 ग्रहों एवं उपग्रहो कि गति के बारे में जानकारी हासिल की यह अध्याय परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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