इस पोस्ट के माध्यम से हम Physics Most Important Question Polytechnic Semester-l अध्याय 9 उष्मा एवं उष्मागतिकी ( Heat And Thermodynamic ) के बारे में जानकारी हासिल करेंगे यह अध्याय परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस अध्याय से आपको परीक्षा में दो से तीन प्रश्न Up Polytechnic Semester-l की परीक्षा में अवश्य देखने को मिलेंगे जो कि बहुविकल्पीय ,लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हो सकते हैं।

उष्मा एवं उष्मागतिकी चैप्टर के महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न –
- जूल एवं कैलोरी के मध्य क्या संबंध है?
उत्तर – कैलोरी = 4.18 जूल होता है
- एक पूर्ण चालक की ऊष्मा चालकता कितनी होगी?
उत्तर – एक पूर्ण चालक की ऊष्मा चालकता अनंत होती है।
- ऊष्मा का मात्रक क्या है?
उत्तर- ऊष्मा का SI मात्रक ‘जूल’ होता है वह CGS पद्धति में मात्रक ‘कैलोरी’ होता है।
- आदर्श गैस को नियत ताप पर दबाने से आंतरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा बढ़ेगी या घटेगी?
उत्तर- आदर्श गैस को नियत ताप पर दबाने से आंतरिक
ऊर्जा नियत रहेगी क्योंकि आदर्श गैस में केवल आंतरिक गति ऊर्जा होती है वह गतिज ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है।
- द्रव में ऊष्मा संचरण की विधि का नाम क्या है।
उत्तर- संवहन विधि
6.ऊष्मा इंजन कितने प्रकार के होते हैं।
उत्तर- ऊष्मा इंजन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
1.भाप इंजन 2. आंतरिक दहन इंजन 3. वाष्प तथा गैस टरबाइन
7.ऊष्मा गतिकी का कौन सा नियम तापीय संतुलन से संबंधित है।
उत्तर- ऊष्मागतिकी का शुन्यवा नियम तापीय संतुलन से संबंधित है।
- एक रुद्धोष्म प्रक्रम में दाब तथा आयतन के मध्य क्या संबंध है।
उत्तर- PV गामा = नियतांक
9.ऊष्मा संरक्षण का नियम किसे कहते हैं।
उत्तर- ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम है उसका संरक्षण का नियम कहता है।
10.रुद्धोष्म प्रक्रम का एक उदाहरण लिखो
उत्तर- आदर्श ऊष्मा इंजन
- ऊष्मा चालकता गुणांक का SI मात्रक क्या है।
उत्तर- जूल/मीटर केल्विन सेकंड - ऊष्मा चालकता गुणांक का मात्रक लिखिए।
उत्तर- वाट / मीटर केल्विन - रेखीय क्षेत्रीय और आयतन प्रसार गुणांक में संबंध क्या है।
उत्तर- α : β : γ = 1 : 2 : 3
उष्मा एवं उष्मागतिकी चैप्टर के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –
- ऊष्मा गतिकी का शुन्यवाँ नियम लिखिये ?
उत्तर- यदि दो निकाय किसी तीसरे निकाय के साथ पृथक पृथक तापीय सामने में है तो वह आपस में भी तापीय सम्य में होते हैं। यह उष्मा गति का शुन्यवाँ नियम है।
माना A और B निकाय हैं जो तीसरे निकाय के साथ तापीय साम्य में है तब ऊष्मागतिकी के शुन्यवाँ नियम के अनुसार निकाय A और B भी तापीय सम्य में होंगे
- ऊष्मा गतिकी का प्रथम नियम लिखिए वॉ इसकी सीमाएं भी लीजिए।
उत्तर- सन् 1840 में मेयर और हेल्म होल्टेज ने ऊष्मा गतिकी का प्रथम नियम दिया इस नियम के अनुसार ” ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है । परन्तु इसके एक रूप को दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है ।
गणितीय व्याख्या –
माना किसी निकाय की आंतरिक ऊर्जा u1 है यदि उसे q उष्मा दी जाये तो उसकी आंतरिक ऊर्जा बढ़कर u1+ q हो जाता है ।
यदि तन्त्र पर w कार्य किया जाए तो तंत्र की आन्तरिक ऊर्जा बढ़कर U1 के बराबर हो जाएगी ।
u2 = u1 + q + w
∆ u = q + W
सीमाएं –
( 1 ) उष्मागतिकी के प्रथम नियम से ऊष्मा स्रोत की जानकारी नहीं मिलती है । अर्थात ऊष्मा स्रोत गर्म है या ठण्डा इसका पता नही चलता है।
( 2 ) यह नियम स्पष्ट नहीं करता है की सम्पूर्ण उष्मा को कार्य में या सम्पूर्ण कार्य को उष्मा में परिवर्तित किया जा सकता है।
प्रश्न- उष्मा गतिकी का द्वितीय नियम लिखिये ।
उत्तर – उष्मीय ऊर्जा का पूर्ण रूप से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन संभव नहीं है ।
उदाहरण- मानव शरीर ताप , मोटर साइकिल का इंजन आदि ।
उष्मागतिकी के द्वितीय नियम के बारे में सर्वप्रथम काबोर्ट ने बताया इसके बाद इस नियम की व्याख्या केल्विन एवं क्लासियस ने दिया
क्लासियस की व्याख्या – उष्मा कम तापक्रम से उच्च तापक्रम में बिना किसी बाहरी स्रोत की सहायता लिये नहीं बह सकती है ।
केल्विन की व्याख्या : किसी निकाय में अथवा आस – पास के वातावरण में , बिना कोई परिवर्तन लाये हुये , उस निकाय से उष्मा लेकर उसे कार्य में परिवर्तित करना असम्भव है ।
प्रश्न – टिप्पणी लिखिये
- समतापी प्रक्रम
- रुद्धोष्म प्रक्रम
- समदाबी प्रक्रम
- सम आयतनिक प्रक्रम
- चक्रीय प्रक्रम
- समतापी प्रक्रम – किसी निकाय के दाब और आयतन में इस प्रकार परिवर्तन किया जाए कि उसका ताप नियत रहे तो इस प्रक्रम को समतापी प्रक्रम कहते हैं इस प्रक्रम में निकाय की आंतरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
- रुद्धोष्म प्रक्रम – किसी निकाय में इस प्रकार भौतिक परिवर्तन किया जाता है कि निकाय से उष्मा ना तो बाहर जा सके और ना ही अंदर निकाय में प्रवेश कर सके तो इस प्रक्रम को को रुद्धोष्म प्रक्रम कहते हैं उदाहरण- साइकिल के टायर का फटना एक रुद्धोष्म प्रक्रम का उदाहरण है
- समदाबी प्रक्रम – यदि किसी प्रक्रम के दौरान दाब स्थिर रहता है तो प्रक्रम को समदाबी कहते हैं।
उदा. जल का जमना , जल का व वाष्प बनना। - समआयतनिक प्रक्रम – यदि किसी प्रक्रम के दौरान आयतन स्थिर रहता है तो प्रक्रम को समआयतनिक प्रक्रम कहते हैं।
5 चक्रीय प्रक्रम -जब कोई निकाय अपनी प्रारम्भिक अवस्था से चलकर विभिन्न अवस्थाओं से गुजरता हुआ पुनः अपनी प्रारंभिक अवस्था मे आ जाता है। तो उसे चक्रीय प्रक्रम कहते है।
Good notification sir thanks for tips 👍👍
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